अद्भुत है न - इंतज़ार में होना, दिखना और बार-बार इंतज़ार में नहीं होने पर ज़ोर देना| जीने के समानांतर इंतज़ार भी चलता है| हम इंतज़ार में होते हुए क्या और कैसा महसूस करते हैं, यह भी ठीक-ठीक बताने के लिए इंतज़ार करते है| इंतज़ार की घड़ी में इंतज़ार का वक़्त मुक़र्रर नहीं है| इंतज़ार का कोई पैमाना भी तय नहीं है|
हम मृत्यु का इंतज़ार नहीं करते, जीवन का करते हैं| जब मृत्यु हमारे आसपास या फिर किसी अपने को दबोचती है तब जा के हमें जीवन पर संदेह होता है| हमें सारे वादे एक साथ झूठे लगते हैं| उम्मीद का पुल ढह जाता है| हमारे पाँव डगमगाते हैं| हम इंतज़ार की ओर लड़खड़ाती चाल में चल देते हैं|
जो कुछ बचा है बताने के लिए, दिखाने के लिए, वो हमेशा ही बचा रहेगा| हम में बचे रहेंगे लोग, जो नहीं बच पाए मृत्यु से और जीवन से| मृत लोग बोल नहीं सकते और जीवित लोग बोलते नहीं- वो इंतज़ार करते हैं| हर दिन हम थोड़ा-थोड़ा, बहुत कुछ जमा करते हैं- क्रोध, प्रेम, घृणा, ग्लानि, शब्द, सपने, इंतज़ार और कितना कुछ| जमा करने के साथ, बहुत थोड़ा हर दिन ख़र्च भी होता है| लेकिन जो बहुत कुछ बच जाता है वह मृत्यु शय्या पर हमारे साथ डोलता है और फिर कोई जीवन को शक की नज़रों से देखता है|
~आमना
Waah kya umda likha hai
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