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"Dear...This is for you!"

 


Can I write you letters instead of giving you my heart? I can be insanely in love with you without being insane. Your love has given me the voice that was constantly forgetting its language. I can't stop writing to you about you. If words fall short, I would even love to effortlessly write a letter full of dots. You might wonder why I chose letters. Perhaps I have only one answer to this—why not letters? I have nothing to say to the rest of the world, but when it comes to communicating with you, I have an entire world filled with events and stories to share. 

I will write to you until I forget you are far away—too far from my world. Letters help me to reach out to you. Coincidences in my life seem to happen, achieving now, a sense of normalcy. Dear, as I am writing this to you, Ahmad Faraz Sahab's Ghazal is playing in the voice of Mehdi Hassan Sahab. 

ranjish hī sahī dil hī dukhāne ke liye aa

aa phir se mujhe chhoḌ ke jaane ke liye aa

When my body attains its final destination, you will still have me in the form of those written letters—penned down for you, but between the lines, you will definitely find me smiling at you. My dear, miss me with your smile, not with your tears.

~A

Comments

  1. 'a letter full of dots', these are such beautiful letters, this one reminded me of this nazm by Gulzar:

    "नज़्म उलझी हुई है सीने में
    मिसरे अटके हुए हैं होठों पर
    उड़ते-फिरते हैं तितलियों की तरह
    लफ़्ज़ काग़ज़ पे बैठते ही नहीं

    कब से बैठा हुआ हूँ मैं जानम
    सादे काग़ज़ पे लिखके नाम तेरा
    बस तेरा नाम ही मुकम्मल है
    इससे बेहतर भी नज़्म क्या होगी"

    ReplyDelete
    Replies
    1. You won't believe at first I was writing it as 'a letter full of your name' but it was obvious. (Hahaha)
      This nazm...Wow

      Delete

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